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Showing posts from October, 2017

कोई नहीं जानता भगवान शिवजी के बारे ये १० रोचक तथ्य

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कोई नहीं जानता भगवान शिवजी के बारे ये १० रोचक तथ्य 1- क्यों है भूत-प्रेत शिव के गण? शिव को संहार का देवता कहा गया है। अर्थात जब मनुष्य अपनी सभी मर्यादाओं को तोडऩे लगता है तब शिव उसका संहार कर देते हैं। जिन्हें अपने पाप कर्मों का फल भोगना बचा रहता है वे ही प्रेतयोनि को प्राप्त होते हैं। चूंकि शिव संहार के देवता हैं। इसलिए इनको दंड भी वे ही देते हैं। इसलिए शिव को भूत-प्रेतों का देवता भी कहा जाता है। दरअसल यह जो भूत-प्रेत है वह कुछ और नहीं बल्कि सूक्ष्म शरीर का प्रतीक है। भगवान शिव का यह संदेश है कि हर तरह के जीव जिससे सब घृणा करते हैं या भय करते हैं वे भी शिव के समीप पहुंच सकते हैं, केवल शर्त है कि वे अपना सर्वस्व शिव को समर्पित कर दें। 2- शिव अपने शरीर पर भस्म क्यों लगाते हैं? हमारे धर्म शास्त्रों में जहां सभी देवी-देवताओं को वस्त्र-आभूषणों से सुसज्जित बताया गया है वहीं भगवान शंकर को सिर्फ मृग चर्म (हिरण की खाल) लपेटे और भस्म लगाए बताया गया है। भस्म शिव का प्रमुख वस्त्र भी है क्योंकि शिव का पूरा शरीर ही भस्म से ढंका रहता है। शिव का भस्म रमाने के पीछे कुछ वैज्ञान...

जानिए भगवान सूर्यदेव के यह 12 नाम देंगे मनचाहा वरदान

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जानिए भगवान सूर्यदेव के यह 12 नाम देंगे मनचाहा वरदान परम तेजस्वी दिव्य सूर्य भगवान का पूजन प्रतिदिन करना चाहिए। विशेष अवसरों पर उनके यह 12 नाम मनचाहा वरदान देते हैं। रविवार का दिन उनकी पूजन और आराधना को समर्पित है। ॐ सूर्याय नम: । ॐ भास्कराय नम:। ॐ रवये नम: ।  ॐ मित्राय नम: । ॐ भानवे नम: ॐ खगय नम: । ॐ पुष्णे नम: । ॐ मारिचाये नम: । ॐ आदित्याय नम: । ॐ सावित्रे नम: । ॐ आर्काय नम: । ॐ हिरण्यगर्भाय नम: ।

शायद ही किसी आम आदमी को पता हो शिव जी के १९ अवतार

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शायद ही किसी आम आदमी को पता हो " शिव जी के १९ अवतार "  शिव जी के १९ अवतार शिव महापुराण में भगवान शिव के अनेक अवतारों का वर्णन मिलता है, लेकिन बहुत ही कम लोग इन अवतारों के बारे में जानते हैं। धर्म ग्रंथों  के अनुसार भगवान शिव के 19 अवतार हुए थे। महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर हम आपको बता रहे हैं भगवान शिव के 19 अवतारों के बारे में  1- वीरभद्र अवतार (Virbhadra Aavtar) : – भगवान शिव का यह अवतार तब हुआ था, जब दक्ष द्वारा आयोजित यज्ञ में माता सती ने अपनी देह का त्याग किया था। जब भगवान शिव को यह ज्ञात हुआ तो उन्होंने क्रोध में अपने सिर से एक जटा उखाड़ी और उसे रोषपूर्वक पर्वत के ऊपर पटक दिया। उस जटा के पूर्वभाग से महाभंयकर वीरभद्र प्रगट हुए। शिव के इस अवतार ने दक्ष के यज्ञ का विध्वंस कर दिया और दक्ष का सिर काटकर उसे मृत्युदंड दिया। 2- पिप्पलाद अवतार (Piplad Aavtar) :- मानव जीवन में भगवान शिव के पिप्पलाद अवतार का बड़ा महत्व है। शनि पीड़ा का निवारण पिप्पलाद की कृपा से ही संभव हो सका। कथा है कि पिप्पलाद ने देवताओं से पूछा- क्या कारण है कि मेरे पिता दधीचि ज...