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Showing posts from June, 2018

अघोरियों के बारे में रहस्यमय और अनसुनी बातें जो किसी आम आदमी को पता नहीं

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         अघोर पंथ यह एक  हिंदू धर्म का संप्रदाय है। अघोर पंथ की उत्पत्ति के काल के बारे में अभी निश्चित प्रमाण नहीं मिले हैं, परन्तु इन्हें कपालिक संप्रदाय के समकक्ष मानते हैं। ये प्राचीनतम धर्म “शैव” (शिव साधक) से संबधित हैं। अघोरियों को इस पृथ्वी पर भगवान शिव का जीवित रूप माना जाता है। शिवजी के पांच रूपों है और इन में से एक रूप अघोर रूप है। अघोरी हमेशा से लोगों की जिज्ञासा का विषय रहे हैं। अघोरियों का जीवन कठिन और रहस्यमयी है । अघोरियों की साधना विधि सबसे ज्यादा रहस्यमयी है। उनकी अपनी शैली और विधान की अलग विधियां हैं। अघोरी मतलब जो घोर नहीं हो और जो  बहुत सरल और सहज हो। जिसके मन में कोई भेदभाव नहीं हो। अघोरी हर चीज में समान भाव रखते हैं। वे सड़ते जीव के मांस को भी उतना ही स्वाद लेकर खाते हैं, जितना स्वादिष्ट पकवानों को स्वाद लेकर खाया जाता है। १.  अघोरी तीन तरह की साधनाएं करते हैं।  १. शिव साधना  २. शव साधना   ३. श्मशान साधना             शिव साधना में शव के ऊपर पैर रखकर खड़...

रात को शांति और सुकूनभरी नींद के लिए सोने से पहले जरूर पढ़े ये मंत्र

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                  आज की भागदौड़ से भरी ज़िंदगी में हमारा शरीर कई शारीरिक और मानसिक तनावों का सामना करता है।        हिन्दू धर्मशास्त्रों में शांति और सुख से जीने के लिए और सोने के लिए हर तरह उपाय है। इनमें ही एक तरीका है- भगवान का नामस्मरण। खास तौर पर सोने से पहले यह मंत्र को बोलना दिन भर की थकावट और चिंता को दूर कर सुकूनभरी और गहरी नींद देता है। हमारे विज्ञान के मुताबिक भी अच्छी व गहरी नींद भी किसी भी व्यक्ति को सेहतमंद व ताकतवर बनाती है।        यह मंत्र भगवान विष्णुजी का ध्यान है, जिनका स्वरूप शांत, सौम्य और आनंद देने वाला होता है। इसलिए सोने से पहले उनका ध्यान मन को शांति देता है । माना जाता है की इन मंत्रो के स्मरण से बुरे सपने नहीं आते और शांति की नींद मिलती है।       यह है वो मंत्र : १.  यादेवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमोनमः ।। २. रामं स्कन्दं हनूमन्तं वैनतेयं वृकोदरम् । शयने यः स्मरेन्नित्यं दुःस्वप्नस्तस्...