जगन्नाथ रथ यात्रा से जुड़ी सबसे बड़ी ५ रोचक बातें जो आपको नहीं पता
हिंदू धर्म में जगन्नाथपुरी का वर्णन स्कन्द पुराण और ब्रह्म पुराण में कई जगह किया गया है। कई पारंपरिक वाद्ययंत्रों की ध्वनि के बीच विशाल रथों को सैकड़ों लोग मोटे रस्सों से खींचते हैं।
सबसे पहले भाई बलराम जी का रथ प्रस्थान करता है।
जिसके थोड़ी देर बाद बहन सुभद्रा जी का रथ चलना शुरू होता है।
अंत में लोग जगन्नाथ जी के रथ को बड़े ही श्रद्धापूर्वक खींचते हैं।
ऐसा मन जाता है की जो भी लोग इस रथ को खींचते हे उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है। यहाँ यात्रा ओडिशा के पूरी में ९ दिन तक चलती है।
तो आइए जानते है इस यात्रा से जुडी सबसे अनोखी ५ रोचक बाते -
१. राजा करता है सफाई -
जब से जगन्नाथ रथयात्रा आरंभ हुई है तब से ही राजाओं के वंशज पारंपरिक ढंग से सोने के हत्थे वाली झाडू से रथ के सामने झाडु लगाते हैं। जिसके बाद मंत्रोच्चार और जयघोष के साथ रथयात्रा शुरू की जाती है। हालांकि अब भारत में कोई राजा नहीं होने की वजह से खास पुरी में एक राजा बनाया गया हैं जो मंदिर के बाहर का रास्ता सोने से बने पोछे से साफ करता है और इसके बाद ही भगवान को मंदिर से निकाला जाता है।
२. पोड़ा पीठा मिठाई -
३. बारिश के दिन शुरुवात -
४. घोड़ों का रंग-
भगवान जगन्नाथ के रथ के घोड़ों का रंग सफेद, सुभद्रा के रथ के घोड़ों का रंग कॉफी व बलरामजी के रथ के घोड़ों का रंग नीला होता है।
५. नारियल की लकड़ी का रथ -
रथ यात्रा के सभी रथ नारियल की लकड़ी से बनाए जाते है। क्योंकि ये लकड़ी हल्की होती है। भगवान जगन्नाथ के रथ का रंग लाल और पीला होता है। इसके अलावा यह रथ बाकी रथों की तुलना में भी आकार में बड़ा होता है। उनकी यात्रा बलभद्र और सुभद्रा के रथ के पीछे होती है।
६. इकलौते चलते-फिरते भगवान -
भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में ये ऐसा त्यौहार है जहां भगवान खुद ही घूमने निकल जाते हैं।जिनकी रथ यात्रा में भारी संख्या में लोग मौजूद होते हैं।
हर हर महादेव
Comments
Post a Comment